22 May 2019

तू याद कभी कभी आता है....

जब से दूर गया है तू, तब से तनहा सा दिल मेरा तुझे ढूंढ़ता है
तू नहीं है आस पास जानता है दिल मेरा फिर भी तेरा अक्स देखना चाहता है
हज़ारो बातें करनी है तुझसे, बहोत से किस्से सुनाना दिल चाहता है मेरा
तू दूर है मेरी नज़रो से बहोत, पर तू याद कभी कभी आता है

तनहा रातों में अक्सर ये मेरा दिल सोचता है
सोने से पहले जैसे मैं तुझे याद करती हूँ क्या तुझे मेरा ख्याल आता है?
क्या तुझे आज भी कोई वैसे ही प्यार करता है जैसे एक वक्त मैं किया करती थी
तेरी यादों से बहोत दूर जा चुकी हूँ मैं, पर तू आज भी याद कभी कभी  आता है

जैसे मैं तेरे बालों को अपनी उँगलियों से सहलाती थी
तेरे गालों को अपने हथेली से यूँ ही छू लिया करती थी
तेरी बाँहों में लेटे-लेटे अपने दिल का हाल बयां कर देती थी, क्या कोई और आज तेरे साथ ये ही सब करता है?
देख प्यार नहीं करती मैं तुझसे अब, पर तू याद कभी कभी आता है

दूर जाने का फैसला तेरा था और कुछ न कहके भी इज़ाज़त तुझे मैंने इशारों में दे दी
तेरे दूर जाने वाले दिन की एक रात पहले तेरे कानों में मैंने कुछ कहा था
तूने शायद सुना नहीं था कुछ या सुनके अनसुना करने का नाटक रचाया था
हर दिन के ढलते ही खुद से रोज़ ये कहती हूँ, 'तू अब मेरा नहीं', शाम को ढलता देख तू याद कभी कभी आता है

Image credit - here


2 comments:

  1. Very touchy and beautiful one, can relate with it deeply and now gradually overcoming such feelings...

    ReplyDelete
  2. Hey there anonymouslywithyou information or the article which u had posted was simply superb and to say one thing that this was one of the best information which I had seen so far, thanks for the information #BGLAMHAIRSTUDIO

    ReplyDelete

Please do comment if my words reach to your heart.. Alternatively you can provide suggestions too... You are most welcome!!